वो खुशनसीब जिसपे मेरे श्याम की नजर

Woh Khush Naseeb Jispe Mere Shyam Ki Nazar Lyrics

Prakash
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वो खुशनसीब जिसपे मेरे श्याम की नजर Woh Khush Naseeb Jispe Mere Shyam Ki Nazar Lyrics

जिसकी कलाई थाम ली,
फिर उसको कैसा डर,
वो खुशनसीब जिसपे मेरे,
श्याम की नजर।


दुनिया की दुनियादारी में,
खुद को ना फसा,
है सच्चा साथी सांवरा,
इसे दिल में तू बसा,
तेरी नाव पार कर देगा,
अटकी कहीं गर,
वो खुशनसीब जिस पे मेरे,
श्याम की नजर।


खाटू की कशिश है अजब,
जो खींचे अपनी ओर,
हारे का सहारा है,
दुनिया में मचा शोर,
पलकों पे बिठाया उसे,
जिसने झुकाया सर,
वो खुशनसीब जिस पे मेरे,
श्याम की नजर।


चरणों में इसके जाते ही,
मन का सुमन खिला,
पंचम ने जो ना सोचा था,
वो भी उसे मिला,
बस आखिरी है इच्छा,
रख ले मुझे चाकर,
वो खुशनसीब जिस पे मेरे,
श्याम की नजर।


जिसकी कलाई थाम ली,
फिर उसको कैसा डर,
वो खुशनसीब जिसपे मेरे,
श्याम की नजर।


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इस भजन का वीडियो देखें : वो खुशनसीब है जिसपे मेरे श्याम की नज़र | Shyam Ki Nazar | Master Pancham | Latest Bhajan

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