तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है लिरिक्स tere darbar me maiya khushi milti hai lyrics
तर्ज – जाने क्यों लोग मोहब्बत।
दोहा – तेरी छाया में,
तेरे चरणों में,
मगन हो बैठूं,
तेरे भक्तो में।
तेरे दरबार में मैया,
खुशी मिलती है,
जिंदगी मिलती है,
रोतों को हँसी मिलती है।।
इक अजब सी मस्ती,
तन मन पे छाती है,
हर इक जुबां तेरे ओ मैया,
गीत गाती है,
बजते सितारों से,
मीठी पुकारो से,
गूंजे जहाँ सारा,
तेरे ऊँचे जयकारों से,
मस्ती में झूमे,
तेरा दर चूमे,
तेरे चारों तरफ़,
दुनिया ये घुमे,
ऐसी मस्ती भी भला क्या,
कहीं मिलती है,
तेरे दरबार में मईया,
खुशी मिलती है।।
मेरी शेरोंवाली माँ,
तेरी हर बात अच्छी है,
करनी की पूरी है,
माता मेरी सच्ची है,
सुख दुख बँटाती है,
अपना बनाती है,
मुश्किल में बच्चे को,
माँ ही काम आती है,
रक्षा करती है,
भक्त अपने की,
बात सच्ची करती,
उनके सपनों की,
सारी दुनिया की दौलत,
यहीं मिलती है,
तेरे दरबार में मईया,
खुशी मिलती है।।
रोता हुआ आये जो,
हँसता हुआ जाता है,
मन की मुरादों को,
वो पाता हुआ जाता है,
किस्मत के मारों को,
रोगी बीमारों को,
करदे भला चंगा मेरी माँ,
अपने दुलारो को,
पाप कट जाये,
चरण छूने से,
महकती है दुनिया,
माँ धुने से,
फ़िर तो माँ ऐसी कभी क्या,
कहीं मिलती है,
तेरे दरबार में मईया,
खुशी मिलती है।।
तेरे दरबार में,
मैया खुशी मिलती है,
जिंदगी मिलती है,
रोतों को हँसी मिलती है।।
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इस भजन का वीडियो देखें : Tere darbar me maiya khushi milti hai.(LAKHBIR SINGH LAKHA) (youtube.com)