मेरो मन वृंदावन में अटको लिरिक्स

Mero Man Vrindavan Mein Atko Lyrics

Prakash
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मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको,
बनके जोगन डोलत ब्रज में,
बन के जोगन डोलत ब्रज में,
पीवत यमुना जल को,
मेरो मन वृन्दावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।


मेरो मुझ में कुछ ना मोहन,
तेरी मिट्टी तेरो कण कण,
मेरो मुझ में कुछ ना मोहन,
तेरी मिट्टी तेरो कण कण,
वृंदावन की कुंज गलिन में,
वृन्दावन की कुंज गलिन में,
मिल जाओ प्रभु मुझको,
मेरो मन वृन्दावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।


इस जोगन के तुम हो साजन,
करना है सब आत्म समर्पण,
इस जोगन के तुम हो साजन,
करना है सब आत्म समर्पण,
अंत समय आनंद मिले मोहे,
अंत समय आनंद मिले मोहे,
बस वेणु के रस को,
मेरो मन वृन्दावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।


याद में तोरी भई बावरी,
सुध लो मोरी कुंज बिहारी,
याद में तोरी भई बावरी,
सुध लो मोरी कुंज बिहारी,
अब आओ मेरे प्राण पियारे,
अब आओ मेरे प्राण पियारे,
अपनाओ या जन को,
मेरो मन वृन्दावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।


मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको,
बनके जोगन डोलत ब्रज में,
बन के जोगन डोलत ब्रज में,
पीवत यमुना जल को,
मेरो मन वृन्दावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।


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इस भजन का वीडियो देखें : Mero Mann Vrindavan Mein Atko – Shri Indresh Upadhyay ji | MOhit Lalwani | Karan – Navdeep (youtube.com)

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