मेरे घर गणपति जी है आए लिरिक्स

Prakash
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मेरे घर गणपति जी है आए लिरिक्स Mere Ghar Ganpati Ji Hai Aaye Lyrics

तर्ज – भटकता डोले काहे प्राणी।

मेरे घर गणपति जी है आए,
मेरे घर गणपति जी है आये,
मैं अपने दुःख को,
मैं अपने दुःख को हूँ बिसराये,
वो खुशियां अपने साथ है लाए,
मेरे घर गणपतिजी है आए।।


मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का,
मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का,
मैं तिलक करूँ उनको चन्दन का,
मेरा मन हरपल यही गाए,
मेरा मन हरपल यही गाए,
मेरे घर गणपतिजी है आए।।


दयालु है वो है कृपालु,
दयालु है वो है कृपालु,
उन्ही की महिमा गाए श्रद्धालु,
वो देखो मेरे घर है आए,
वो देखो मेरे घर है आए,
मेरे घर गणपतिजी है आए।।


है ब्रम्हा जी भी उनको ध्याये,
है ब्रम्हा जी भी उनको ध्याये,
नारद मुनि उनकी महिमा गाए,
वो जग के स्वामी अंतर्यामी,
वो जग के स्वामी अंतर्यामी,
मेरे घर गणपतिजी है आए।।


निर्बल बल निर्धन धन है पाते,
निर्बल बल निर्धन धन है पाते,
वो सर्वप्रथम है पूजे जाते,
बड़ी सब महिमा उनकी गाए,
बड़ी सब महिमा उनकी गाए,
मेरे घर गणपतिजी है आए।।


करूँ किस मन से मैं विसर्जन,
करूँ किस मन से मैं विसर्जन,
हे गजमुख मेरे गौरी नंदन,
फिर से पर्व ये जल्दी आए,
फिर से पर्व ये जल्दी आए,
मेरे घर गणपतिजी है आए।।


मेरे घर गणपति जी है आए,
मेरे घर गणपति जी है आये,
मैं अपने दुःख को,
मैं अपने दुःख को हूँ बिसराये,
वो खुशियां अपने साथ है लाए,
मेरे घर गणपति जी है आए।।


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इस भजन का वीडियो देखें : Mere Ghar Ganpati Hain Aaye (youtube.com)

Mere Ghar Ganpati Ji Hai Aaye Lyrics

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