कैसी मुरलीया बजाई रे लिरिक्स

Prakash
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कैसी मुरलीया बजाई रे लिरिक्स Kaisi Muraliya Bajai Re Lyrics

दोहा – जो मै ऐसा जानती,
की प्रीत करे दुख होय,
नगर ढिन्डोरा पीटती,
की प्रीत ना करियो कोई।
प्रीत वा से कीजियो,
की जा से मन बतियाये,
जने जने की प्रीत मे,
ये जनम अकारज जाये।


कैसी मुरलीया बजाई रे,
छलिया मनमोहना,
मै तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।।


काहे को ऐसी मुरली बजाये,
मेरे मन को चेन ना आये,
नँदलाला ओ कन्हैया…
भूल गई मै सब काम अपना,
आई घर से करके बहाना,
छलिया मनमोहना,
मै तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।।


सारी सखियां मारे है ताने,
तुम तो अपनी धुन मे दीवाने,
नँदलाला ओ कन्हैया…
मेरे घर पर मेरा सजन है,
लेकिन मेरा तुझपे ही मन है,
छलिया मनमोहना,
मै तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।।


पनघट पर मेरी बईयाँ मरोड़ी,
मै जो बोली मेरी मटकी ही फोडी,
मुझको कन्हैया,
मिल जायेगा जिस दिन,
छिन लूँगी मुरली मै उस दिन,
छलिया मनमोहना,
मै तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।।


चल के पनघट पे,
तलक प्यार की दो बात करे,
जल भरने के बहाने से मुलाकात करे,
छेड़ खानी ना करो नार नवेली हूँ मै,
सर पे गागर है मेरे और अकेली हूँ मै।।


मै पुजारी आपका हूँ,
मेरी पूजा आप है,
मेरा ईमा मेरा धरम,
मेरे सबकुछ आप है,
मेरा मंदिर मेरी मस्जिद,
मेरे काबा आप है,
क्यू बताऊँ मै किसी को,
मेरे क्या क्या आप है।।


घुँगर वाले बाल श्याम के,
घुँगर वाले बाल,
एक ही मेरा श्याम धणी और,
बाकी सब कंगाल,
घुँगर वाले बाल श्याम के,
घुँगर वाले बाल।।


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इस भजन का वीडियो देखें : Kaisi Muraliya Bajai Re Chaliya Manmohana (youtube.com)

Kaisi Muraliya Bajai Re Lyrics
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