जहाँ बनती हैं तकदीरें लिरिक्स Jahan Banti Hai Taqdeere Lyrics
श्लोक – भरी देखी तेरे दरबार में,
सभी की खाली ये झोली,
फकिरो की हुई चाँदी,
सभी की नियते डोली।
जहाँ बनती हैं तकदीरें,
अजूबा द्वार है तेरा,
लजाये फूल बागीचे,
गजब श्रृंगार है तेरा।।
चमकता ये तेरा चेहरा,
तेरी आँखो में है मस्ती,
खींचे आते है दीवाने,
खींचे आते है दीवाने,
रे क्या दीदार है तेरा।
जहाँ बनती हैं तकदीरे,
अजूबा द्वार है तेरा,
लजाये फूल बागीचे,
गजब श्रृंगार है तेरा।।
तेरे जैसा नही देखा,
जमाने भर की खुशियाँ दे,
कभी खाली ना लौटाए,
कभी खाली ना लौटाए,
अजब भंडार है तेरा।
जहाँ बनती हैं तकदीरे,
अजूबा द्वार है तेरा,
लजाये फूल बागीचे,
गजब श्रृंगार है तेरा।।
गले मुझको लगा करके,
मुझे अनमोल कर डाला,
मैं ‘लहरी’ झूमता जाऊँ,
मैं ‘लहरी’ झूमता जाऊँ,
मिला जो प्यार है तेरा।
जहाँ बनती हैं तकदीरे,
अजूबा द्वार है तेरा,
लजाये फूल बागीचे,
गजब श्रृंगार है तेरा।।
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