भोले शंकर की दुल्हनिया जग की पालन हारी bhole shankar ki dulhaniya jag ki palan hari lyrics
भोले शंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी,
जग की पालन हारी मैया,
तीन लोक से न्यारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।
ब्रह्मांड देवों से भरा पर,
माँ को कोई ना भाया,
जंगल के वासी शिव जी पर,
मैया का दिल आया,
पलट के रख दी फिर दोनों ने,
पलट के रख दी फिर दोनों ने,
तीन लोक की काया,
तीनों लोक हुए आभारी,
जग की पालन हारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।
जब संकट आया देवों पे,
माँ ने उसे संभाला,
देवों पे आए संकट को,
जग जननी ने टाला,
एक एक दानव भूतल से,
एक एक दानव भूतल से,
माँ ने खोज निकाला,
माँ फिर असुरों को संहारी,
जग की पालन हारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।
शुम्भ निशुम्भ और रक्त बीज को,
माँ ने मार गिराए,
चंड मुंड मधु केटभ माँ के,
क्रोध से बच ना पाए,
अंत हुआ जब महिषासुर का,
अंत हुआ जब महिषासुर का,
सभी देव हर्षाए,
हर्षित हुए डमरू धारी,
जग की पालन हारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।
सारे जग की माँ कहलाती,
हो शिवजी की नारी,
ध्यान किया जिसने माँ तेरा,
दूर हुई लाचारी,
लाज रखो माँ ‘किशन भगत’ की,
लाज रखो माँ ‘किशन भगत’ की,
आया शरण तुम्हारी,
मन की दूर हो सब लाचारी,
जग की पालन हारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।।
भोले शंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी,
जग की पालन हारी मैया,
तीन लोक से न्यारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।।
ये भी पढ़ें : कश्मीर की वादी में लिरिक्स
इस भजन का वीडियो देखें : Jag Ki Paalanhari : Navratri Special 2024 | जग की पालनहारी : Mata Ji Bhajan | Kishan Bhagat #Bhajan – YouTube