बनो इतने न निर्मोही लिरिक्स Bano Itne Na Nirmohi Lyrics
तर्ज – किसी से उनकी मंजिल का।
बनो इतने न निर्मोही,
दयासागर कहाते हो,
सभी के दुःख हरते हो,
हमें फिर क्यों सताते हो,
बनों इतने ना निर्मोही,
दयासागर कहाते हो।
जो दोगे दरस निजजन को,
तुम्हारा क्या हरज होगा,
जो दोगे दरस निजजन को,
तुम्हारा क्या हरज होगा,
ना आते जो बुलाने से,
मुझे इतना रुलाते हो,
बनों इतने ना निर्मोही,
दयासागर कहाते हो।
इसी चिंता में रहता हूँ,
तुम्हे मैं किस तरह पाऊं,
इसी चिंता में रहता हूँ,
तुम्हे मैं किस तरह पाऊं,
पुकारूँ किस तरह तुमको,
जिसे सुन दौड़े आते हो,
बनों इतने ना निर्मोही,
दयासागर कहाते हो।
घडी वह कौन आवेगी,
करोगे ‘राम’ के मन की,
घडी वह कौन आवेगी,
करोगे ‘राम’ के मन की,
घडी वह कौन आवेगी,
करोगे राम के मन की,
मिलोगे कब जने मोहन,
मुझे तुम बहुत भाते हो,
बनों इतने ना निर्मोही,
दयासागर कहाते हो।
बनो इतने न निर्मोही,
दयासागर कहाते हो,
सभी के दुःख हरते हो,
हमें फिर क्यों सताते हो,
बनों इतने ना निर्मोही,
दयासागर कहाते हो।
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