बाबा मेरी किस्मत बुलंद कर दे लिरिक्स

Baba Meri Kismat Buland Kar De Lyrics

Prakash
1 Min Read

बाबा मेरी किस्मत,
बुलंद कर दे,
बुलंद कर दे,
हर ग्यारस पे मिलने का,
प्रबंध कर दे,
हाजरी न छूटे,
अनुबंध कर दे,
हर ग्यारस पे मिलने का,
प्रबंध कर दे।।


यूँ तो तेरे खाटू नगर में,
हर रात ग्यारस की रात है,
क्या फागण क्या सावण वहां पर,
किरपा बरसती दिन रात है,
मुझपे भी किरपा तेरी,
चंद कर दे,
हर ग्यारस पे मिलने का,
प्रबंध कर दे।।


नाज है मुझको किस्मत पे मेरी,
मैंने तुम्हारा दर पा लिया,
सेवा पूजा कुछ भी न जानूं,
तूने तो फिर भी अपना लिया,
दर दर भटकाना,
अब तो बन्द कर दे,
हर ग्यारस पे मिलने का,
प्रबंध कर दे।।


धन दौलत की परवाह नही है,
अपनी मुलाकात होती रहे,
जब तक सांस चले मेरे घर में,
बाबा तुम्हारी ज्योती रहे,
‘अम्बरीष’ मांगे,
भग्तों को आनंद कर दे,
हर ग्यारस पे मिलने का,
प्रबंध कर दे।।


बाबा मेरी किस्मत,
बुलंद कर दे,
बुलंद कर दे,
हर ग्यारस पे मिलने का,
प्रबंध कर दे,
हाजरी न छूटे,
अनुबंध कर दे,
हर ग्यारस पे मिलने का,
प्रबंध कर दे।।


ये भी पढ़ें : चारभुजा मेरी राख लजा लिरिक्स

इस भजन का वीडियो देखें : Baba meri kismat buland EkadashiSpecialBhajan KhatuShyamBhajan #9327754497 #AmbrishKumarMumbai (youtube.com)

Baba Meri Kismat Buland Kar De Lyrics
Share This Article