हारे का तू ही तो साथ निभाता है लिरिक्स

Hare Ka Tu Hi Sath Nibhata Hai Lyrics

Prakash
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हारे का तू ही तो,
साथ निभाता है,
हार के जो भी दर पे आए,
गले लगाता है,
हारे का साथी तू,
श्याम कहाता है,
हार के जो भी दर पे आए,
गले लगाता है।।


हो जाए जो भी जग में अकेला,
रोता वो रहता हरदम अकेला,
आंखो के आंसू प्रेमी के देखे,
पल भर ना रुकता हाथो से पोंछे,
रिश्ता तू प्रेमी से,
दिल से निभाता है,
हार के जो भी दर पे आए,
गले लगाता है।।


आ जाए जो भी दर पे तुम्हारे,
पाएं वो खुशियां हो वारे न्यारे,
चिन्ता फिक्र सब तुमपे ही छोड़ी,
हाथो में तेरे जीवन की डोरी,
जीवन ये मेरा भी,
तू ही चलाता है,
हार के जो भी दर पे आए,
गले लगाता है।।


देखी है मैने रहमत तुम्हारी,
भक्तो पे करते किरपा तुम भारी,
दुनिया में हुआ मैं भी बेगाना,
“गोपाल” बन गया तेरा दीवाना,
प्रेमी वो तेरा ही,
अब कहलाता है,
हार के जो भी दर पे आए,
गले लगाता है।।


हारे का तू ही तो,
साथ निभाता है,
हार के जो भी दर पे आए,
गले लगाता है,
हारे का साथी तू,
श्याम कहाता है,
हार के जो भी दर पे आए,
गले लगाता है।।


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